पूरे देश भर में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) या अन्य दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख युवाओं (Youth) की सालाना मौत (Death) हो जाती है. सड़क दुघर्टनाओं में वाहनों के टूटने और इंश्योरेंस के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. यह बातें हिमाचल नॉर्थ जोन के डीआईजी संतोष पटियाल ने धर्मशाला में कही. उन्होंने कहा कि हर साल इतनी बड़ी युवा आबादी को हर साल खोना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. पटियाल ने कहा कि ट्रैफिक के तीन पार्ट हैं- इंजीनियरिंग, एजुकेशन और इन्फोर्समेंट. पुलिस इन्फोर्समेंट का पार्ट निभाती है.
पुलिस का बेसिक पर्पज चालान काटना नहीं है: संतोष पटियाल
संतोष पटियाल ने कहा कि पुलिस का मूलभूत उद्देश्य चालान करना नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादा चालान से पर्यटक भी निराश होते हैं. ऐसे में उन एरिया को आईडेंटीफाई करके, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, किस समय होती हैं, किस तरह के वाहनों के होते हैं, उन प्वाइंटस को देखते हुए रणनीति बनाकर पुलिस की मौजूदगी वहां बढ़ाकर, ब्लैक स्पॉट में सुधार और ह्यूमन एरर को कम करके मानव जीवन और प्रॉपर्टी के नुकसान को कम किया जा सके.
संतोष पटियाल ने कहा कि पिछले साल पूरे नॉर्थ जोन में देखें तो दुर्घटनाएं कम हुई हैं. हालांकि चालान भी ज्यादा हुए हैं. कुछ सड़कें ऐसी होती है, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. शाम और सुबह के समय दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं.