दिल्ली में इतिहास का सबसे ठंडा मार्च; 6 बार आया पश्चिमी विक्षोभ, इससे कई प्रदेशों में हुई बारिश-बर्फबारी, पारा गिरा

दिल्ली के इतिहास में इस साल का मार्च महीना सबसे ठंडा रहा। दिल्ली में मार्च का औसत तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि इस साल यह 28.4 डिग्री ही रहा। दिल्ली के सफदरजंग स्थित मौसम केंद्र में तो बीते महीने 109.6 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो नया रिकॉर्ड है। मौसम विज्ञानी कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, 1901 से अब तक सिर्फ 2015 के मार्च में ही 97.5 मिमी बारिश हुई थी। श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल मार्च में रिकॉर्ड 6 बार पश्चिमी विक्षोभ आए। इनसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी हुई। वहीं, पश्चिम, उत्तर और मध्य भारत में बारिश हुई।



दिल्ली के कई इलाकों में मंगलवार रात बारिश हुई।


मप्र समेत 9 राज्यों मे सामान्य से 250% से 486% ज्यादा बारिश 
दिल्ली में मार्च में औसत बारिश 14.8 मिमी होती है। इस बार यह 69.4 मिमी हुई, जो सामान्य से 396% ज्यादा है। वहीं, पंजाब में 257%, हरियाणा में 476%, उत्तराखंड में 113%, यूपी में 449%, राजस्थान में 393%, मध्य प्रदेश में 264%, बिहार में 465%, झारखंड में 486%, छत्तीसगढ़ में 378%, महाराष्ट्र में 160% और ओडिशा में 164% ज्यादा बारिश हुई। 


बीते 30 साल में बिहार समेत सात राज्यों में बारिश की कमी का ट्रेंड
मौसम विभाग ने बीते 30 साल में (1989 से 2018 के दौरान) में देशभर से जिलावार आंकड़ों का अध्ययन कर बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, प. बंगाल, हिमाचल, मेघालय, अरुणाचल और नागालैंड की सालाना सामान्य बारिश में लगातार कमी आ रही है। इन राज्यों में मानसूनी बारिश लगातार कमी होने का ट्रेंड है, जबकि गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां बारिश की मात्रा बढ़ रही है।  


बारिश की वजह: पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की बजाय दक्षिण की ओर मुड़ गए


स्काईमेट के महेश पलावत ने बताया कि अमूमन हर महीने तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, पर  इस मार्च में रिकॉर्ड 6 पश्चिमी विक्षोभ आए। मार्च के पश्चिमी विक्षोभ या तो कमजोर होते हैं या वे हिमालय के उत्तर की ओर चले जाते हैं। इस बार मार्च में आए सभी पश्चिमी विक्षोभ दक्षिण की ओर मुड़े, जिनका असर मध्य भारत तक देखा गया। इनसे चक्रवाती हवा का क्षेत्र भी बना और अरब सागर से आने वाली नमी से उत्तर-मध्य भारत के सभी राज्यों में बार-बार बारिश और ओलावृष्टि हुई। 


अनुमान गलत निकला : वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण नहीं चढ़ सका तापमान


मौसम विज्ञान केंद्र का फरवरी और मार्च में तापमान में बढ़ोतरी का अनुमान गलत निकला है। फरवरी में विभाग का अनुमान था कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मार्च में खास असर नहीं होगा, लेकिन मार्च में इसका ठीक उल्टा प्रभाव हुआ। इस दौरान देश के उत्तर, मध्य राज्यों में औसत तापमान एक डिग्री से तीन डिग्री तक कम रहा। मौसम विभाग ने बताया कि वह आगामी मानसून को लेकर पूर्वानुमान अप्रैल के तीसरे हफ्ते में घोषित करेगा।