फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन सोमवार सुबह भास्कर उत्सव में शामिल हुए। लेकसिटी वासी यहां ऋतिक की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। इस दौरान ऋतिक ने कहा कि कोई भी कैरेक्टर हो मैं अपने बालों को देखता हूं कि वो कैरेक्टर के साथ कैसे जाएंगे। इसलिए कभी-कभी सोचता हूं, गंजा हो जाऊंगा तो कैसे होगा। ऋतिक की भास्कर से खास बातचीत।
सवाल- सूपर 30 में आनन्द का किरदार और बॉर के कबीर में कौनसा रोल मुश्किल था?
ऋतिक- देखिए, मुझे अपने काम से मोहब्बत है। आप देख सकते हैं कि मोहब्बत करना आसान नहीं होता। मेरा जो रोमांस है, अपने काम के साथ बहुत मुश्किल है। मैंटल और फिजिकल तौर पर देखें तो मेरा काम मुश्किल है। दिल से देखूं तो मेरा काम बहुत आसान है। दिल से जो निकलता है वो आसान होता है।
सवाल- आप फिल्में कम क्यों करते हैं?
ऋतिक- मैं चाहता हूं कि और फिल्म करूं। लेकिन, हर इंसान की जिंदगी में एक खोज होती है। हम सभी कुछ ढूंढ रहे हैं। अगर मेरी लाइफ का मोटिवेशन, फेम और पैसा होता तो आसान होता। फिर में दुकान खोलकर बैठ जाता। लेकिन, मैं जो खोज रहा हूं वो पता नहीं क्या है। उसका कोई नाम नहीं है। उस चीज की खोज में वक्त लगता है। जहां अपनी दिल की बात कर सकूं। मेरा इंटेंशन क्या है। अगर में सोचूं कि मुझे पैसा मिलने वाला है फैम मिलने वाला है तो चीजें आसान हो जाती। शायद मैं ढूंढ रहा हूं कि मेरे किरदार की सच्चाई क्या है। मेरी सच्चाई क्या है। किरदार अगर रो रहा है तो क्यों रहा हूं। जब मैं सेट पर 10-12 घंटे काम करके थक जाता हूं तब आप लोगों के बारे में सोचने से ही एनर्जी मिलती है।
सवाल- अपनी ट्रांसफॉरमेशन पर कैसे काम करते हैं?
ऋतिक- कमाल की बात है कि एक ही इंसान हूं, लेकिन अपने विचारों पर काम करके बदल जाता हूं। हम रोल को जांचते-परखते हैं। कबीर का दिल और आनंद का दिल एक है। इसलिए किसी को देखकर जज मत कीजिए। मैंने देखा है कि आदमी एक जैसे हैं लेकिन जिस तरह से वो आपसे पेश आता है वो अलग है। दोनों किरदारों में मुश्किल आई। लेकिन सच बोलूं तो सुपर 30 ज्यादा आसान थी। क्योंकि उसमें ज्यादा दिल था। शायद पिछले जन्म में शायद बिहारी रहा होगा।
सवाल- एक करेक्टर जो सबसे ज्यादा करीब है?
ऋतिक- सबसे करीब करेक्टर मेरे दिमाग में दो फिल्में हैं। मेरी लाइफ में दो एंड पर दो करेक्टर हैं। जो सबसे करीब हैं। एक है सुपर-30 और कोई मिल गया। और दूसरे एंड पर है- वॉर और धूम 2।
सवाल- ऋतिक का एक ड्रीम रोल हो- हॉलीवुड या बॉलीवुड?
ऋतिक- मेरी लाइम में कोई फेवरेट ड्रीम रोल नहीं है। जो मैं करता हूं वही मेरा फेवरेट हो जाता है। एक चीज अपने पिता से सीखी थी कि अक्सर लोग पूछते हैं- आप अलग-अलग डायरेक्टर के साथ काम करते हैं। पिता ने बताया था कि आपके पास 4 चीजें होनी चाहिए। एक म्यूचुयल रेस्पेक्ट, हेड स्ट्रांग, करेज यानी साहस और टोलरेंस। मेरी जिम्मेदारी डायरेक्टर को चुनने तक होती है। उसके बाद उसकी ही सुननी पड़ती है।
मेरी शुरुआत हुई थी मेरे बालों से। कोई भी करेक्टर हो मैं अपने बालों को देखता हूं कि वो केरेक्टर के साथ कैसे जाएंगे। इसलिए कभी-कभी सोचता हूं, गंजा हो जाऊंगा तो कैसे होगा। लोग मुझसे काफी बार पूछते हैं आप इतने अच्छे कैसे दिखते हैं। मेरा जवाब होता है अच्छा दिखना क्या कॉन्फिडेंस है। अगर आपके वॉक, टॉक में डाउट है। तो आप अच्छा कैसे दिखेंगे। आपका वॉक-टॉक अच्छा कैसे होगा। जब आप अच्छा काम करेंगे। हार्ड वर्क करेंगे तो अच्छा काम करेंगे। जिससे आप कॉन्फिडेंट रहेंगे और अच्छा दिखेंगे।
सवाल- दैनिक भास्कर के लिए कहेंगे?
ऋतिक- मुझे बहुत गर्व है। हमारे देश का हिंदी अखबार दुनिया में तीसरे नंबर पर है।
रेपिड फायर राउंड
सवाल- टाइगर की जगह कौन ज्यादा अच्छा खालिक हो सकता था?
ऋतिक- कोई नहीं। टाइगर के जैसा अभी तक कोई नहीं हुआ।
सवाल- कोई अफवाह जो सबसे मजाकिया लगी हो?
ऋतिक- कोई नहीं
सवाल- एक स्किल जो आप पकड़ना चाहते हों?
ऋतिक- डू मोर थिंग्स
उदयपुर में भास्कर उत्सव के दाैरान 8 से 11 जनवरी तक कई कार्यक्रम हुए। इसमें ऋतिक का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे शामिल नहीं हो सके थे। सोमवार को वे इंद्रलोक गार्डन फैंस से मुखातिब हुए। मोटिवेशनल टॉक शाे में इंटरनेशनल लाइफ कोच गौर गोपालदास, मीडिया सेमिनार में डॉ. वेद प्रताप वैदिक और जयशंकर गुप्त ने शिरकत की थी। कवि सम्मेलन में डॉ. कुमार विश्वास, कविता तिवारी, मंजर भोपाली, सुदीप भोला, जानी बैरागी और दिनेश बावरा काे सुनने हजाराें लेकसिटीवासी जुटे थे। रन फॉर लाइफ में ओलिंपिक एथलीट कृष्णा पूनियां शामिल हुईं थीं।